चालाक बुद्धिमान व्यापारी Hindi moral story for kids


चालाक बुद्धिमान व्यापारी Hindi moral story for kids


चालाक बुद्धिमान व्यापारी , hindi noral story for kids
Hindi story for child


 बहुत सालों पहले भाग दास नगर में एक व्यापारी रहा करता था वह बहुत से देशों में जाकर व्यापार करके पहुंची संपत्ति जमा कर चुके या में में बहुत सारे नगरों को देखे हुए व्यापारी पर एक एकता नगर ही नहीं गए ऐसे भक्त एक दिन एक राही कर बसरा नगर से जो आया उसे रोक कर रोककर व्यापारी उससे कुछ पूछा ्र राय ही ी कर से रहा ही घर से व्यापारी ने आपके नजर में ऐसी किस चीज की बहुत जरूरत है उस पर बुरा ही घर घर चंदन की लकड़ी की ही जरूरत बहुत है ऐसे करके कहां कहा उसके बाद वह ब्यापारी अपने पास का सारा पैसा खर्चा करके चंदन की लकड़ियों को एकत्रित कर दिया ऐसे खरीदे हुए चंदन के लकड़ियों को एक एक बारी में आंसर बारी में बांधकर कचरा नगर के तरफ चल रा नगर के तरफ की तरफ चलते चलते वहां पहुंचने पर एक बूढ़ी औरत उनके पास आकर रुकी बूढ़ी औरत व्यापारी को देख कर देखकर तुम कौन हो ए लग रहे हो सावधान रहो भाई इस नगर में बहुत से ठगी लोग हैं तुम जैसे परदेसी को देखेंगे तो तुरंत

लेंगे सावधान कि जरूरत नहीं है हम यहां पर रहे हैं नहीं देखा ं देखा है इसमें पहली बार आया हूं ऐसे होते हैं एक आंख मेरी वजह से गई होगी लेकिन वहां जुटे हुए सभी एक आंख वाले की तरफ बोले और उसको इनाम देने के लिए कहा है है जो मुझे करना है मैं करूंगा सोचकर जब तक वह मोची सील नहीं देता पास में जो कुछ लोग जुआ खेल रहे हैं उनको देखने के लिए वहां गए उसमें से एक जन व्यापारी को जुआ खेलने के लिए बुलाया उस पर वह व्यापारी चलो एक खेल खेली लेते हैं यह सोचकर शामिल हो गया खेल खेलते अपने पास जो जो पैसा है वह सब गवा दिया उसके अलावा उनसे थोड़ा उधार भी ले लिया उस पर एक जने सागर का सारा पानी पियोगे या जो तुम्हारे पास है वह सब मुझे दे दोगे जो भी करना है यह तुम ही ले ले ले लो मुझे सोचने का थोड़ा समय दो ऐसे बोल कर हम यहां क्यों आए ऐसे नगर में बुरे आकर फस गए यह सोच सोचकर चलता गया नगर के बाहर एक

औरत को देखा हूं फिर से उनके सामने आए मुरझाए हुए व्यापारी के चेहरे को देख देखकर उन्होंने कुछ हुआ है यह जान लिया क्यों इतने दुखी हो क्या हुआ भाई ऐसे व्यापारी से का व्यापार री जो कुछ हुआ वह सब कहानी बूढ़ी औरत को कहा सब सुनने के बाद वह बूढ़ी औरत मैंने तुमको तुम को बताया था ना पहले से ही जैसे मैंने कहा था वैसे ही इस नगर के सारे लोग तुम्हें ठग लिया इस बसरे नगर में एक चंदन की लकड़ी का सोने के सिक्के मिलेंगे इस पर तो तुम जो जो चंदन की लकड़ी लाए हो उसको कितने सिक्के मिलेंगे पता है ना चलो जो भी हुआ सो हुआ लेकिन अब से मैं जो तुमको कहती हूं उसे सुनो तुम्हें न्याय तो मिलेगा कम से कम यहां तो मिलेगा यहां पास में एक बहुत बड़ा खाली सा जगा है तुम्हें वहां जाना होगा वहां पर एक बूढ़ा साधु होगा वह साधारण साधु नहीं है बहुत सालों से वही पर रह रहे हैं इस नगर के सारे ठगी 

हैं वह है वह यहां के सारे पा स पास किसने किस ने किस को ठगा यह सारी जानकारी उनको जाकर बताते हैं इस दुनिया में कोई भी कोई भी नहीं रहेगा पता चला कि तुम झूठ बोल रहे हो तुम्हें राजद्रोही का नाम देंगे तुम्हें कठोर से कठोर सजा मिलेगी हां याद रख लो मुझे भी बिना कुछ कहे वहां से चला गया आखिर में क्यों अकेले वाला भी वहां आ गया व्यापारी जुए के खेल में हार गया क्या तुम सागर के पानी पियोगे या तो अपने संपत्ति मुझे दोगे एमएनएम आऊंगा तुमको सली पैसा भी नहीं मिलेगा बेवकूफ सागर के पूरे पानी को एक बर्तन में लाओ तो पी लूंगा ऐसे बोलेगा तो क्या क्या



Hindi moral story for kids

English moral story for kids


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